Ye Kaisi Zindagi
Khayalo Ke Daldal Me Zindagi Fasi Hai
Moh Ki Kiley Kis Kader Man Me Dhasi Hai
Malik Ko Dekh Ker Bhi Muskura Na Sake
Le Gayi Yeh Muskurate Hoton Ki Hasi Hai
Chintao Me Khona, Raat Na Sona Bas Rona
Kya Kahe Yeh Kaise Beraham Bebasi Hai
Najro Ki Rosni Kam, Duvidha, Bhay Aur Gam
Andhere me Itani Gahrayee Kyo Ker Basi Hai
Na Hilna, Na Dulna, Sahna Aur Bas Dhalna
In Jalo Me Jindagi Kiskader Gayi Kasi Hai
DR SHAKUNTALA VYAS
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Monday, November 30, 2009
khokala jivan
खोखला जीवन
रेगिस्तान मे बसा हुआ इंसान
कर गया दिल को भी रेगिस्तान
खोजता है आपनो को कहां कहां
जहां खो गया दिलो से ही इंसान
चमकती दौलत ने किया अंधा
अंधा हुआ खुद के मन का जहान
इतने ज़्यादा रंगे इस रंग में
भूल गए खुद की भी पहचान
मत भूलो लक्ष्मी चंचला है,
न कभी रहते हालात भी एक समान
कहां पहुचे, सब रिस्तो को भूल,
दोलत से खोजने, चले उची शान
खोकले है यह मान सम्मान,
अगर बच न पाया अपना इमान
यह सुख है कुछ पल का, नाम का
अगर न रख सके इंसानियत का ज्ञान
डा. शकुंतला व्यास
रेगिस्तान मे बसा हुआ इंसान
कर गया दिल को भी रेगिस्तान
खोजता है आपनो को कहां कहां
जहां खो गया दिलो से ही इंसान
चमकती दौलत ने किया अंधा
अंधा हुआ खुद के मन का जहान
इतने ज़्यादा रंगे इस रंग में
भूल गए खुद की भी पहचान
मत भूलो लक्ष्मी चंचला है,
न कभी रहते हालात भी एक समान
कहां पहुचे, सब रिस्तो को भूल,
दोलत से खोजने, चले उची शान
खोकले है यह मान सम्मान,
अगर बच न पाया अपना इमान
यह सुख है कुछ पल का, नाम का
अगर न रख सके इंसानियत का ज्ञान
डा. शकुंतला व्यास
khokala jivan
खोखला जीवन
रेगिस्तान मे बसा हुआ इंसान
कर गया दिल को भी रेगिस्तान
खोजता है आपनो को कहां कहां
जहां खो गया दिलो से ही इंसान
चमकती दौलत ने किया अंधा
अंधा हुआ खुद के मन का जहान
इतने ज़्यादा रंगे इस रंग में
भूल गए खुद की भी पहचान
मत भूलो लक्ष्मी चंचला है,
न कभी रहते हालात भी एक समान
कहां पहुचे, सब रिस्तो को भूल,
दोलत से खोजने, चले उची शान
खोकले है यह मान सम्मान,
अगर बच न पाया अपना इमान
यह सुख है कुछ पल का, नाम का
अगर न रख सके इंसानियत का ज्ञान
डा. शकुंतला व्यास
रेगिस्तान मे बसा हुआ इंसान
कर गया दिल को भी रेगिस्तान
खोजता है आपनो को कहां कहां
जहां खो गया दिलो से ही इंसान
चमकती दौलत ने किया अंधा
अंधा हुआ खुद के मन का जहान
इतने ज़्यादा रंगे इस रंग में
भूल गए खुद की भी पहचान
मत भूलो लक्ष्मी चंचला है,
न कभी रहते हालात भी एक समान
कहां पहुचे, सब रिस्तो को भूल,
दोलत से खोजने, चले उची शान
खोकले है यह मान सम्मान,
अगर बच न पाया अपना इमान
यह सुख है कुछ पल का, नाम का
अगर न रख सके इंसानियत का ज्ञान
डा. शकुंतला व्यास
Friday, November 13, 2009
my poems
RISTE
RISTE MAN KE PANCHI KO KED KAR JATE HE
BAHUT BECHEN AUR BEJAAN HI KAR JATE HE
ASHA JAGA KAR SANSHO KO KYO ROK JATE HE
VAQT KE SATH KYO YE RISTE BHI BADAL JATE HE
HUM YAH JAN KER BHI IN ME HI BANDHTE JATE HE
MAJHDAR ME SATH CHODE DEGI YESI KASTY SE JATE HE
JUB JUB RISTO KE SAMNDER ME GOTE LAGATE HE
DHUNDHANE JATE HE MOTY PER KHARA PANI PI AATE HE
KAYI GAHARE RISTE BHI VAQT KE SATH MITHAS KHO JATE HE
RISTE JIVAN KO BAHUT HI RIKAT KAR JATE HE
RISTE DETE HE JAKHM JO HAR PAL RISTA
ISH DUKHI KI CHAKKI ME MAN HI PISTA
RISTE MAN KE PANCHI KO KED KAR JATE HE
BAHUT BECHEN AUR BEJAAN HI KAR JATE HE
ASHA JAGA KAR SANSHO KO KYO ROK JATE HE
VAQT KE SATH KYO YE RISTE BHI BADAL JATE HE
HUM YAH JAN KER BHI IN ME HI BANDHTE JATE HE
MAJHDAR ME SATH CHODE DEGI YESI KASTY SE JATE HE
JUB JUB RISTO KE SAMNDER ME GOTE LAGATE HE
DHUNDHANE JATE HE MOTY PER KHARA PANI PI AATE HE
KAYI GAHARE RISTE BHI VAQT KE SATH MITHAS KHO JATE HE
RISTE JIVAN KO BAHUT HI RIKAT KAR JATE HE
RISTE DETE HE JAKHM JO HAR PAL RISTA
ISH DUKHI KI CHAKKI ME MAN HI PISTA
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